Sunday, April 10, 2011

लाखों के जीवन रक्षक उपकरण बने शो-पीस



रूद्रपुर के चिकित्सालय में मशीनों में लगी जंग।

नारायण परगांई। देहरादून। सरकारी अस्पातालों में जीवन रक्षक उपकराणों की उपयोग ना हो पाने के चलते हजारो मरीजों को इसका लाभ नही मिल पा रहा। कांग्रेस शासन काल में खरीदे गए उपकराणों के कारण 1355 मरीजो को चिकित्सा सुविधाओ का लाभ नही मिल पाया जिस कारण दूसरे स्थानो पर जाकर अपना इलाज करवाना पड़ा यही नही अप्रैल 2006 से जुलाई 2009 तक मरीजों को दूर दराज इलाज कराने में भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। मशीनो ंका संचालन ना हो पाने के कारण नौ श्रेणियों की 12 जीवन रक्षक मशीनें 3 वर्ष की वारंटी समाप्त होने के चलते सरकार को करीब 85 लाख की लागत देनेके बाद भी मरीजो को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नही हो सकी। सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 85 लाख की जीवन रक्षक उपकरणों का 4 साल से अधिक समय तक उपयोग ना होने के कारण रोगियों को इसका लाभ नही मिल सका जबकि वर्ष 2002 एवं 03 में सरकार ने चिकित्सा प्र्रबन्ध समीति का गठन किया था जिसका उद्देश्य सरकार से प्राप्त उपकरणों का रखरखाव एवं संचालन करना था। इतना ही नही प्रत्येक 3 माह में एक बार बैठक आयोजित कर पैरामैडिकल स्टाफ की नियुक्ति तथा संविदा पर सेवाओ का प्रबन्ध करने के साथ साथ चिकित्सक व कर्मचारियों के लिए कार्यशालाओ का आयोजन भी करना था लेकिन मुख्यचिकित्सा अधीक्षक जवाहरलाल नेहरू जिला चिकित्सालय रूद्रपुर के कार्यालय की अगस्त 2009 की लेखा परीक्षा के दौरान यह पाया गया कि 85 लाख की 12 जीवन रक्षक मशीने दिसम्बर 2005 से मई 2006 के बीच चिकित्सालय को आपूर्ति की गई थी लेकिन उपकरणो को ना तो स्थापित किया गया और ना ही इनका संचालन किया गया जिस कारण मई 2010 तक चिकित्सालय में यह मशीने बिना उपयोग के ही पड़ी हुई थी यहां तक कि संविदा पर कर्मचारियो व मैडिकल सटाफ को लेने तक कि कोशिश नही की गई और विशेषज्ञों की नियुक्ति भी ना होने के व चलते इन सेवाओ का लाभ मरीजों को नही मिल सका। रिपोर्ट में गठन के उद्दश्यों की अनदेखी करने एवं सरकार के निर्देशों की अवहेलना करने के फलस्वरूप सामान्य जनता को 85 लाख की जीवन रक्षक मशीनो के उपलब्ध होने के बाद भी इसका लाभ नही मिल सका। जबकि मशीनोे के उपयोग ना करने के कारण परिचालन की स्थिति समय व्यतीत होने के साथ साथ वारंटी अवधि समाप्त हो जाने के कारण खराब हो रही थी। दिसम्बर 2009 में मुख्य चिकित्सक ने स्वीकार किया कि जगह की कमी तकनिशियनों की कमी के कारण उपकरणोे की स्थापना नही की जा सकी। और अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों की एक साथ उपलब्धता ना होने कारण बैठक भी संचालित नही की जा सकी प्रबंधन के उदासीन रवैये के कारण निष्क्रिय पड़े उपकरणें से उद्देश्यों की पूर्ति नही हो सकी जिस कारण उपकरणोे से मरीज लाभान्वित नही हुए। उपप्रकरण शासन को मई 2010 में भेजा गया था जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हो पायी है। कुल मिलाकर लाखों रूपये के खरीदे गए उपकरणो का लाभ रूद्रपुर की जनता को नही मिल पाया है। अधिकारियो की लापरवाही के कारण जहां सरकार के पैसे का नुकसान हुआ हेै वही चिकित्सा विभाग भी इसे सुचारू करने में फिसड्डी साबित हुआ है। इस बारे में जब रूद्रपुर के सीएमएस जे सी दुर्गापाल से बात की गई तो साफ कहना था कि स्टाफ की नियुक्ति ना हो पाने के कारण मशीनों ा संचालन नही हो पा रहा है और पूरा मामला शासन के संज्ञान में है।

Thursday, April 7, 2011

कंग्रेस पर यशपाल आर्या का हंटर।

कंग्रेस पर यशपाल आर्या का हंटर।

प्रभारी के साथ चुनावी एजेन्डा होगा तैयार।

नारायण परगाई। देहरादून। विधान सभा चुनाव 2012 को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्या ने कांग्रेस के नटबोर्ड कसने शुरू कर दिए हैं। अनुशासनहीनात करने वाले कार्यकर्ताओ के खिलाफ शिकायत सही मिली तो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। उत्तराखण्ड में भाजपा की सरकार के सत्ता में होने के बाद कांग्रेस का पूरा जोर 2012 के विधान सभा चुनाव को फतह करने का है जिसके लिए उत्तराखण्ड में पहली बार प्रदेश  प्रभारी डा.वीरेन्द्र सिंह कांग्रेस विधायको के साथ साथ पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक में आगामी 10 अर्पेल को संगठन की रणनीति के साथ साथ 2012 के विधान सभा चुनाव का एजेन्डा भी तय करेंगे। बैठक में उत्तराखण्ड के कुमाउ व गड़वाल में दो बड़ी रैलिया आयोजित कर उत्त्राखण्ड की भाजपा सरकार के खिलाफ चुनावी बिगुल भी फूंका जाएगा और दानो ही रैलियों को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी के साथ साथ गड़े कांग्रे्रसी दिग्गज कार्यकर्ताओ के बीच अपने गुरू मंत्र देंगे। इसके अलावा पहली बार कांग्रेस की होने वाली बैठक में तय होगा कि आगामी होने वाले विधान सभा चुनाव का खाका किस तरह तैयार किया जाए और किस  तरह सत्ता में पुनः वापसी की जा सके। लोकसभा चुनाव में पांचों सीटे जीतकर कांग्रेस ने जिस तरह भाजपा सरकार को करारा णटका दिया था उसी की तर्ज पर विधान सभा चुनाव में भी  एक बार फिर पूरी ताकत णेंकर इसका एहसास कराया जाएगा।बैठक को इसलिए भी महत्पूर्ण माना जा रहा है कि उत्त्राखण्ड का प्रदेश प्रभारी बनने के बाद श्री सिंह की यह उत्तराखण्ड में पहली बैठक होगी जबकि इससे पूर्व दिल्ली में एक बैठक आयोजित की जा चुकी है। बैठे कमें ऐसे कार्यकर्ता जिन्हांेने कांग्रेस में रहकर अनुशासन हीनता की है उन पर भी अनुशासन का डंडा जोरदार तरीके से चलेगा और संगठन की खामियों को भी दूर किया जाएगा। इसके अलावा कांग्रेस 25 अपैल या मई में सत्याग्रह आन्दोलन शुरू करने के साथ साथ सरकार के खिलाफ बड़ा बिगुल बजाएगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल की छवि कार्यकर्ताओ के बीच एवं प्रशासनिक अमलों में बेहद सीधी समझाी जाती ळै लेकिन अब आम जनता के बीच वह एक कड़क प्रदेश अध्यक्ष के रूप् में सामने आयेगे।  2007 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में नही आ सकी थी और जनता ने भाजपा को बेहतर मानकर वोट दिया था लेकिन कांग्रेस की नजर में भाजपा सरकार का उत्तराखण्ड में चार साल से अधिक का समय पूरी तरह निराशाजनक रहा है और प्रदेश अध्यक्ष 2012 के विधान सभा चुनाव कररीब आने की हलचल के साथ जनता के बीच कांग्रेस की  छवि को निखारने के लिए कड़क मिजाज के रूप में तैयार हो गए हैं। कांग्रेस में परिवारवाद को लेकर भी कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं लेकिन उनकी  नाराजगी अभी तक खुलकर सामने नही आ सकी है इसलिए इस नाराजगी को भी शांत करने का खाका तैयार कर लिया गया है। ब्रहमण नेताओ को एकजुट करने के साथ साथ ठाकुर वोटो के साथ साथ मुस्लिम व दलित वोटो पर भ्ज्ञी कांग्रेस ने अपने ध्यान लगाना तेज कर दिया है। और जनता के बीच मौजूदा भाजपा सरकार की कई खामियों को लेकर कांग्रेस जाने का मन बना चुकी  है। सदन के भीतर भी कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने का भरसक प्रयास किया है और विकास कार्याें में कांग्रेसी विधायको के क्षेत्रों में पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने को लेकर भी जोरदार तरीके से उठाया गया है।  आगामी 10 अप्रैल को प्रदेश प्रभारी के दौरो को लेकर कांग्रेसी नेताओ के बीच हलचल तेज हो गई है और अपने अपने क्षेत्रो ंमें जनाधार रखने वाले कांग्रेसी नेता अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए पूरी तरह तैयार हो गए है। टिकट के कई नए दावेदार भी अपने आकाओ की परिक्रमस करने में जुट गए है। कुुल मिलाकर संगठन की दुष्टि से कांग्रेस की आगामी 10 अप्रैल को होने वाली बैठक बेहद महत्वपूर्ण होगी जिसमे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्या एक कड़क प्रदेश अध्यक्ष के रूप् में नजर आयेंगे।