कंग्रेस पर यशपाल आर्या का हंटर।
प्रभारी के साथ चुनावी एजेन्डा होगा तैयार।
नारायण परगाई। देहरादून। विधान सभा चुनाव 2012 को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्या ने कांग्रेस के नटबोर्ड कसने शुरू कर दिए हैं। अनुशासनहीनात करने वाले कार्यकर्ताओ के खिलाफ शिकायत सही मिली तो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। उत्तराखण्ड में भाजपा की सरकार के सत्ता में होने के बाद कांग्रेस का पूरा जोर 2012 के विधान सभा चुनाव को फतह करने का है जिसके लिए उत्तराखण्ड में पहली बार प्रदेश प्रभारी डा.वीरेन्द्र सिंह कांग्रेस विधायको के साथ साथ पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक में आगामी 10 अर्पेल को संगठन की रणनीति के साथ साथ 2012 के विधान सभा चुनाव का एजेन्डा भी तय करेंगे। बैठक में उत्तराखण्ड के कुमाउ व गड़वाल में दो बड़ी रैलिया आयोजित कर उत्त्राखण्ड की भाजपा सरकार के खिलाफ चुनावी बिगुल भी फूंका जाएगा और दानो ही रैलियों को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी के साथ साथ गड़े कांग्रे्रसी दिग्गज कार्यकर्ताओ के बीच अपने गुरू मंत्र देंगे। इसके अलावा पहली बार कांग्रेस की होने वाली बैठक में तय होगा कि आगामी होने वाले विधान सभा चुनाव का खाका किस तरह तैयार किया जाए और किस तरह सत्ता में पुनः वापसी की जा सके। लोकसभा चुनाव में पांचों सीटे जीतकर कांग्रेस ने जिस तरह भाजपा सरकार को करारा णटका दिया था उसी की तर्ज पर विधान सभा चुनाव में भी एक बार फिर पूरी ताकत णेंकर इसका एहसास कराया जाएगा।बैठक को इसलिए भी महत्पूर्ण माना जा रहा है कि उत्त्राखण्ड का प्रदेश प्रभारी बनने के बाद श्री सिंह की यह उत्तराखण्ड में पहली बैठक होगी जबकि इससे पूर्व दिल्ली में एक बैठक आयोजित की जा चुकी है। बैठे कमें ऐसे कार्यकर्ता जिन्हांेने कांग्रेस में रहकर अनुशासन हीनता की है उन पर भी अनुशासन का डंडा जोरदार तरीके से चलेगा और संगठन की खामियों को भी दूर किया जाएगा। इसके अलावा कांग्रेस 25 अपैल या मई में सत्याग्रह आन्दोलन शुरू करने के साथ साथ सरकार के खिलाफ बड़ा बिगुल बजाएगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल की छवि कार्यकर्ताओ के बीच एवं प्रशासनिक अमलों में बेहद सीधी समझाी जाती ळै लेकिन अब आम जनता के बीच वह एक कड़क प्रदेश अध्यक्ष के रूप् में सामने आयेगे। 2007 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में नही आ सकी थी और जनता ने भाजपा को बेहतर मानकर वोट दिया था लेकिन कांग्रेस की नजर में भाजपा सरकार का उत्तराखण्ड में चार साल से अधिक का समय पूरी तरह निराशाजनक रहा है और प्रदेश अध्यक्ष 2012 के विधान सभा चुनाव कररीब आने की हलचल के साथ जनता के बीच कांग्रेस की छवि को निखारने के लिए कड़क मिजाज के रूप में तैयार हो गए हैं। कांग्रेस में परिवारवाद को लेकर भी कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं लेकिन उनकी नाराजगी अभी तक खुलकर सामने नही आ सकी है इसलिए इस नाराजगी को भी शांत करने का खाका तैयार कर लिया गया है। ब्रहमण नेताओ को एकजुट करने के साथ साथ ठाकुर वोटो के साथ साथ मुस्लिम व दलित वोटो पर भ्ज्ञी कांग्रेस ने अपने ध्यान लगाना तेज कर दिया है। और जनता के बीच मौजूदा भाजपा सरकार की कई खामियों को लेकर कांग्रेस जाने का मन बना चुकी है। सदन के भीतर भी कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने का भरसक प्रयास किया है और विकास कार्याें में कांग्रेसी विधायको के क्षेत्रों में पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने को लेकर भी जोरदार तरीके से उठाया गया है। आगामी 10 अप्रैल को प्रदेश प्रभारी के दौरो को लेकर कांग्रेसी नेताओ के बीच हलचल तेज हो गई है और अपने अपने क्षेत्रो ंमें जनाधार रखने वाले कांग्रेसी नेता अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए पूरी तरह तैयार हो गए है। टिकट के कई नए दावेदार भी अपने आकाओ की परिक्रमस करने में जुट गए है। कुुल मिलाकर संगठन की दुष्टि से कांग्रेस की आगामी 10 अप्रैल को होने वाली बैठक बेहद महत्वपूर्ण होगी जिसमे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्या एक कड़क प्रदेश अध्यक्ष के रूप् में नजर आयेंगे।
प्रभारी के साथ चुनावी एजेन्डा होगा तैयार।
नारायण परगाई। देहरादून। विधान सभा चुनाव 2012 को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्या ने कांग्रेस के नटबोर्ड कसने शुरू कर दिए हैं। अनुशासनहीनात करने वाले कार्यकर्ताओ के खिलाफ शिकायत सही मिली तो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। उत्तराखण्ड में भाजपा की सरकार के सत्ता में होने के बाद कांग्रेस का पूरा जोर 2012 के विधान सभा चुनाव को फतह करने का है जिसके लिए उत्तराखण्ड में पहली बार प्रदेश प्रभारी डा.वीरेन्द्र सिंह कांग्रेस विधायको के साथ साथ पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक में आगामी 10 अर्पेल को संगठन की रणनीति के साथ साथ 2012 के विधान सभा चुनाव का एजेन्डा भी तय करेंगे। बैठक में उत्तराखण्ड के कुमाउ व गड़वाल में दो बड़ी रैलिया आयोजित कर उत्त्राखण्ड की भाजपा सरकार के खिलाफ चुनावी बिगुल भी फूंका जाएगा और दानो ही रैलियों को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी के साथ साथ गड़े कांग्रे्रसी दिग्गज कार्यकर्ताओ के बीच अपने गुरू मंत्र देंगे। इसके अलावा पहली बार कांग्रेस की होने वाली बैठक में तय होगा कि आगामी होने वाले विधान सभा चुनाव का खाका किस तरह तैयार किया जाए और किस तरह सत्ता में पुनः वापसी की जा सके। लोकसभा चुनाव में पांचों सीटे जीतकर कांग्रेस ने जिस तरह भाजपा सरकार को करारा णटका दिया था उसी की तर्ज पर विधान सभा चुनाव में भी एक बार फिर पूरी ताकत णेंकर इसका एहसास कराया जाएगा।बैठक को इसलिए भी महत्पूर्ण माना जा रहा है कि उत्त्राखण्ड का प्रदेश प्रभारी बनने के बाद श्री सिंह की यह उत्तराखण्ड में पहली बैठक होगी जबकि इससे पूर्व दिल्ली में एक बैठक आयोजित की जा चुकी है। बैठे कमें ऐसे कार्यकर्ता जिन्हांेने कांग्रेस में रहकर अनुशासन हीनता की है उन पर भी अनुशासन का डंडा जोरदार तरीके से चलेगा और संगठन की खामियों को भी दूर किया जाएगा। इसके अलावा कांग्रेस 25 अपैल या मई में सत्याग्रह आन्दोलन शुरू करने के साथ साथ सरकार के खिलाफ बड़ा बिगुल बजाएगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल की छवि कार्यकर्ताओ के बीच एवं प्रशासनिक अमलों में बेहद सीधी समझाी जाती ळै लेकिन अब आम जनता के बीच वह एक कड़क प्रदेश अध्यक्ष के रूप् में सामने आयेगे। 2007 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में नही आ सकी थी और जनता ने भाजपा को बेहतर मानकर वोट दिया था लेकिन कांग्रेस की नजर में भाजपा सरकार का उत्तराखण्ड में चार साल से अधिक का समय पूरी तरह निराशाजनक रहा है और प्रदेश अध्यक्ष 2012 के विधान सभा चुनाव कररीब आने की हलचल के साथ जनता के बीच कांग्रेस की छवि को निखारने के लिए कड़क मिजाज के रूप में तैयार हो गए हैं। कांग्रेस में परिवारवाद को लेकर भी कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं लेकिन उनकी नाराजगी अभी तक खुलकर सामने नही आ सकी है इसलिए इस नाराजगी को भी शांत करने का खाका तैयार कर लिया गया है। ब्रहमण नेताओ को एकजुट करने के साथ साथ ठाकुर वोटो के साथ साथ मुस्लिम व दलित वोटो पर भ्ज्ञी कांग्रेस ने अपने ध्यान लगाना तेज कर दिया है। और जनता के बीच मौजूदा भाजपा सरकार की कई खामियों को लेकर कांग्रेस जाने का मन बना चुकी है। सदन के भीतर भी कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने का भरसक प्रयास किया है और विकास कार्याें में कांग्रेसी विधायको के क्षेत्रों में पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने को लेकर भी जोरदार तरीके से उठाया गया है। आगामी 10 अप्रैल को प्रदेश प्रभारी के दौरो को लेकर कांग्रेसी नेताओ के बीच हलचल तेज हो गई है और अपने अपने क्षेत्रो ंमें जनाधार रखने वाले कांग्रेसी नेता अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए पूरी तरह तैयार हो गए है। टिकट के कई नए दावेदार भी अपने आकाओ की परिक्रमस करने में जुट गए है। कुुल मिलाकर संगठन की दुष्टि से कांग्रेस की आगामी 10 अप्रैल को होने वाली बैठक बेहद महत्वपूर्ण होगी जिसमे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्या एक कड़क प्रदेश अध्यक्ष के रूप् में नजर आयेंगे।
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