Saturday, September 29, 2012

ईमानदार डीजीपी सत्यव्रत भ्रश्टाचारियो पर चलाएंगे हन्टर।

देहरादून। नारायण परगांई।
उत्तराखण्ड पुलिस के डीजीपी विजय राघव पंत महकमे को ठीक ढंग से चला पाने में नाकामयाब साबित हुए पुलिस महकमे के अंदर आलाअधिकारी अनुषासनहीनता के पैमाने को बड़ाते हुए जहां नजर आए वहीं प्रदेष की कानून व्यवस्था भी बेहद लचर रही लेकिन प्रदेष के नए डीजीपी बने सत्यव्रत बंसल आगामी 30 सितम्बर को उत्तराखरण्ड डीजीपी के पद पर विराजमान होंगे और इसी दिन विजय राघव पंत डीजीपी की कुर्सी से सेवा निवृत हो जाएंगे। सत्यव्रत वर्तमान मे सतर्कता विभाग के महानिदेषक के पद पर कार्यरत थे और उन्हें प्रदेष के इमानदार आइपीएस अधिकारियो में गिना जाता है। 1976 बैच के सत्यव्रत इससे पूर्व भी डीजीपी की दौड़ में षामिल थे लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर विजय राघव पंत को डीजीपी की कुर्सी पर विराजमान कर दिया था। 6 महीने के कार्यकाल में पंत महकमे में कोई खास काम नही कर सके और कई ऐसे फैसले विभाग में सामने आए जिन्होने पुलिस महकमे को षर्मसार किए रखा। विभाग के अंदर गुटबाजी इस कदर हावी रही कि आइपीएस लाॅबी कई गुटो में बंटी हुई नजर आई। जिलो में पोस्टिंग को लेकर जिस तरह से एक दूसरे के खिलाफ तानाबाना बुना गया इसकी गूंज दिल्ली के साथ साथ राजनीति के गलियारो में भी साफ सुनाई देती हुई नजर आई। सत्यवंत बंसल के डीजीपी बनने के बाद महकमे में भ्रश्टाचार की बेलो को आगे बड़ा रहे महकमे के ही पुलिस अधिकारी सक्ते में आ गए हैं और माना जा रहा ळैं कि डीजीपी की कुर्सी पर बैठने के बाद सत्यव्रत सबसे पहले विभाग में पनप रहे भ्रश्टाचार की बेल को समाप्त करेंगे। इमानदार आइपीएस होने के साथ सत्यव्रत बंसल की पारिवारिक पृश्ठ भूमि आरएसएस परिवार से रही है और उनके पिताजी आरएसएस के नेता होने के साथ राजनीति में भी दखल रखते हैं। 6 महीने पहले जब डीजीपी की कुर्सी को लेकर प्रदेष में घमासान चल रहा था तब सत्यव्रत का नाम सबसे आगे आ रहा था लेकिन भाजपा के ही कुछ नेताओ ने उन्हें दरकिनार कर विजय राघव पंत को प्रदेष का नसा डीजपी बनवा दिया था और उसके बाद से सत्यव्रत सतर्कता विभाग के महानिदेषक के पद पर कार्यरत थे। उनके डीजीपी बन जाने से पुलिस महकमे के इमानदार अधिकारियो मे खुषी की लहर देखती हुई मिल रही है और उनक ताजपोषी के बाद कई जिलो के पुलिस कप्तानो की कुर्सी हिलनी भी तय मानी जा रही है। प्रदेष के कई जिलो में जहां अपराध बड़ने के साथ जनता के बीच पुलिस की छवि दागदार बनी हुई है वहां फेरबदल होना तय माना जा रहा ळै।भाग के  अब देखना होगा कि उत्त्राखण्ड के पुलिस महकमे को जो कुछ अधिकारियो की भ्रश्टाचारी बेलो के सहारे धूमिल हो गया है उसे नए डीजीपी सत्यव्रत बंसल कैसे बदलेंगे। बंसल को तेज तर्रार आइपीएस अधिकारियो में भी ष्ुामार किया जाता है और महकमे को किस तरह लाना है इसकी परिभाशा भी उन्हे बखूबी आती ळै।