Tuesday, February 8, 2011

विकास को लगेगे पंख, जनता की होगी बल्ले बल्ले।

डा निषंक अपने मुख्यमंत्री काल का तीसरा बजट करेंगे पेष।
नारायण परगांई। देहरादून। प्रदेष में विकास को पंख, जनता की समस्याओं को दूर करने का जज्बा, विकास की परिकल्पना, आदर्ष राज्य का सपना, और 2012 में पुनः सत्ता वापसी का चक्रव्यूह कुछ इसी तरह की कई बातों को लेकर प्रदेष के मुख्यमंत्री डा.रमेष पोखरियाल निषंक ने खाका  तैयार कर अपना होमवर्क षुरू कर दिया है। महज तीन घंटे का विश्राम करने वाले सबसे युवा सीएम देष के लिए एक मिसाल बनने की ओर लगातार अग्रसर होते जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेष में सबसे अधिक कैबिनेट बैठक कराने का श्रेय भी कुषल नेतृत्व के धनी डा़ निषंक को जाता है। यदि प्रदेष की जनता ने पुनः जन संदेष दिया तो उत्तराखण्ड को आदर्ष राज्य के रूप में देष के सामने प्रस्तुत करने का निषंक का सपना जरूर पूरा होगा। और राज्य की पहचान देष के सामने और अधिक विकसित व मजबूत होगी।
 चुनावी साल होने के कारण जहां प्रदेष के मुख्यमंत्री अपने मुख्यमंत्री काल का वर्तमान सरकार का तीसरा बजट विधान सभा में पेष करेगे वही विपक्षी सवालों को भी कुंद कर डालेगे। प्रदेष में 16000 से भी अधिक राजस्व गांव मौजूद होने के बाद भी 11000 गांव को सड़क मार्ग से जोड़ा जा चुका है और षेश पांच से छः हजार गांव को 50 प्रतिषत स्वीकृती प्रदान कर दी गई हैं। इसके साथी ही ढाइ हजार से तीन हजार राजस्व गांव को अलग अलग योजनाओ से जोड़े जाने पर विचार चल रहा है। इन गांवों के सड़क मार्ग से जुड़ जाने के बाद जहां गांव पहुचने का रास्ता सुगम व जल्द पहुंचने का होगा वहीं क्षेत्र की जनता को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा। 500 से अधिक आबादी वाले गांव को जोड़े जाने काम पीएमवीआरआई योजना के साथ साथ अन्य योजनाओ के माध्यम से चल रहा है और 250 से कम आबादी वाले गावं को मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं संयोजकता योजना के माध्यम से चिन्हित किया जा रहा है। वर्तमान में इन स्थानो पर सड़क निर्माण ना हो पाने कारण अधिक समय लगता है लेकिन यदि दूरस्त गांव में लघु पुलिया का निर्माण कर दिया जाए तो यहां पहुंचने में समय कम लगेगा। प्रदेष सरकार 250 से कम आबादी वाले गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने पर युद्व स्तर पर काम कर रही है। और इसके साथ ही प्रदेष में दस रेलवे का्रसिंग के उपर ओवर ब्रिज बनाए जाने के प्रस्ताव भारत सरकार के रेल मंत्रालय को भेजे चुके हैं। इसके साथ ही हरिद्वार, रूड़की व डाट मंदिर के पास टर्नर बनाने का प्रस्ताव भी भेजा गया है। और नैषनल हाइवे का सूद्रीकरण एवं नवीनीकरण करने के लिए विषेश योजनाओ का आधीन 450 करोड़ की योजनाएं केंद्र सरकार का भेजी गई हैं। 250 से कम आबादी के असंयोजिक गांव के आंकड़ो अगर नजर दौड़ाई जाए तो गढ़वाल मंडल के पौढ़ी जनपद में सबसे अधिक 24 48 गांव की कुल संख्या है। जबकि कुमाउ मंडल के अल्मोड़ा जनपद में 1325 संख्या दूसरे नम्बर पर मौजूद है। इसके साथ ही 250 से कम आबादी के असंयोजित गांव को स्वीकृत मार्गाें से जोड़ा जा चुका है। जिसमें उत्तरकाषी में 88, देहरादून मेे 67, टिहरी में 181, पौढ़ी में 503, चमोली में 239, रूद्रप्रयाग में 101, पिथौरागढ़ में 253, चम्पावत में 90, अल्मोडत्रा मे 494, बागेष्वर में 231, नैनीताल में 56 है। इसके साथ ही प्रदेष सरकार अपने संसाधनों से झूलापुलों के निर्माण को भी अच्छा विकल्प मानकर चल रही है। षासन में बैठे सचिव उत्पल कुमार के अनुसार प्रदेष सरकार तेज गति से गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने का काम कर रही है जिससे दूरस्त रहने वाले गांव मे ंपहुचने केलिए जो समय बरबाद होता है वो इनके सड़क मार्ग जुड़ जाने के बाद नही होगा उसके साथ ही इन क्षेत्रो में विकास के आयाम तेज गति से पहुचने षुरू हो जाएंगे उन्हांनं बताया कि केंद्र सरकार को कई नए प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं हजने स्वीकृत होने के बाद प्रदेष में विकास को नए पंख लगने षुरू हो जाएंगे।

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